Friday, June 4, 2010

तलाश है..

तलाश है मूझे एक नयी ज़मीन की
तलाश है मूझे एक नेइ जहाँ की
तलाश है मूझे एक ऐसे आसमान की
जहाँ ज़िन्दगी के दायरे से बाहर निकलकर
में जी सकू
मैं जी सकू अपनी शर्तों पर, मैं जी सकू अपने आधारों पर
मैं उड़ सकू खुले आकाश में पंख फैलाये बिना किसी बाधा के
मैं बह सकू नीले सागर की लहरों पर उसकी अथाह गहराईयों तक

हाँ मैं जीना चाहता हूँ
हाँ मैं जीना चाहता हूँ, इसलिए नहीं की मूझे मौत का डर है
बल्कि मैं जानता हूँ की मौत खुद बेखबर है
की ज़िन्दगी को मौत आती है
जबकि सच तो ये है की मौत स्वयं अपनी मौत का जशन मनाती है

हाँ मैं जीना चाहता हूँ
हाँ मैं जीना चाहता हूँ, इसलिए नहीं की मूझे जीना है
बल्कि इसलिए की ज़िन्दगी को एहसास हो
की कोई जीया है; कोई जीया है
एक ऐसी ज़िन्दगी जिसके आगे मौत नाकाम है
क्योंकि जीना इसी का नाम है॥

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